Tabassum

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तु आना


कविता 
तू आना
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तू जुनून बनके आना
तू सुकून बनके आना
तेरी जरुरत है बहुत
तू इंसा‌ में सुरूर बनके आना

तू शिफा बनके आना
तू दवा बनके आना
तेरी जरुरत है हमें
तू बहुतों की कबा बनके आना

तू उम्मीद बनके आना
तू दीद बनके आना
समझें हम दूसरों को
ऐसी तू टीस बनके आना

तू चैन बनके आना
तू आंखों में रैन बनके आना
जो सो न सके हों अब तक
तू उनकी नींद बनके आना

तू दिलों में दर्द बनके आना
आदम का हमदर्द बनके आना
ये सर्द रातों है बरसों सी
तू आंच वो गर्म बनके आना

तू नूर का जहां बनके आना
प्रेम का समां बनके आना
इंसा है भटका बहुत
तू अच्छे की अजां बनके आना

तू न भूलना हमें
तू न छोड़ना हमें
मजलूम ओ महरूम
हैं हम
तू हम में हमारी
अना बनके आना।

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6 Comments

सुन्दर सृजन

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Abhinav ji

06-Oct-2023 08:10 AM

Very nice

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Punam verma

06-Oct-2023 07:38 AM

Very nice

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